कार मार्केट की लीडर कंपनी मारुति सुजुकी जनवरी से अपनी गाड़ियों की कीमत बढ़ा देगी। इसकी वजह रॉ मटेरियल की कीमतें बढ़ना है। ये कीमतें पिछले एक साल से लगातार बढ़ रही हैं। इससे कार बनाने में आने वाली लागत भी बढ़ गई है।
कंपनी का कहना है कि रॉ मटेरियल की कीमतें बढ़ रही हैं। इससे कारों की लागत पर असर हो रहा है। इनपुट लागत बढ़ने से कारों की कीमतें बढ़ाना पड़ रही है। शेयर बाजारों को दी गई जानकारी में कंपनी ने कहा कि अब समय आ गया है कि कुछ लागत ग्राहकों को भी वहन करना होगा। कंपनी ने कहा कि हर मॉडल पर अलग-अलग कीमत बढ़ेगी।
पोर्टफोलियो में एंट्री लेवल से प्रीमियम सेडान तक शामिल
फिलहाल मारुति सुजुकी एंट्री लेवल की छोटी कार, जैसे अल्टो से लेकर सियाज जैसी बड़ी कारें तक बेचती है। इनकी कीमत 3 लाख से 12 लाख रुपए के बीच होती है। कंपनी का यह फैसला ऐसे समय में आया है, जब कार कंपनियां कोविड-19 के बाद रिकवरी कर रही हैं। नवंबर में इसके घरेलू कारों की बिक्री में 2.4% की कमी आई थी। कुल 1.35 लाख कारें इसने बेची थीं। एक साल पहले इसी अवधि में इसने 1.39 लाख कारें बेची थीं।
कारों की बिक्री में तेजी कम रही
भारत की सबसे बड़ी कार निर्माता कंपनी मारुति सुजुकी इंडिया ने बताया कि त्योहारों के सीजन के बाद कारों की बिक्री में उतनी तेजी नहीं आई है, जितने की उम्मीद की गई थी। उम्मीद है कि आने वाले दिनों में जैसे-जैसे इकोनॉमी सुधरेगी और विकास की रफ्तार तेज होगी, कारों की बिक्री में भी सुधार होगा।
कंपनी के कार्यकारी निदेशक शशांक श्रीवास्तव ने कहा कि ऑटो इंडस्ट्री को ऐसा लग रहा था कि ग्राहकों की दिलचस्पी कम हुई है और इसलिए कारों की बुकिंग और इंक्वायरी में कमी आएगी। ऐसा हुआ भी, लेकिन बुकिंग और इंक्वायरी में कमी उतनी ज्यादा नहीं थी जितनी कि आशंका जताई गई थी।
दिसंबर का महीना ठीक रहना चाहिए
श्रीवास्तव ने कहा कि बुकिंग और पूछताछ के मौजूदा रुझानों, डीलर्स और निर्माताओं में कम स्टॉक लेवल के हिसाब से दिसंबर ठीक रहना चाहिए। फेडरेशन ऑफ ऑटोमोबाइल डीलर्स एसोसिएशन के मुताबिक, इस साल नवंबर में पैसेंजर व्हीकल रिटेल सेल्स में 4.17% की बढ़ोतरी देखी गई और यह 2.91 लाख तक पहुंच गई। दिवाली-धनतेरस की अवधि में नवंबर 2019 में 2 लाख 79 हजार 365 यूनिट्स बिकी थीं।